शीत-घाम-वर्षा सहते नित हंसकर हरा-भरा रखते ये वतन रूपी चमन। शीत-घाम-वर्षा सहते नित हंसकर हरा-भरा रखते ये वतन रूपी चमन।
कितना भी गुणगान करूं पर, पूरी नहीं होती उनकी गाथा। जय जय हो सैनिक वीर, तुम ही हो मेरे देश की प्राचीर... कितना भी गुणगान करूं पर, पूरी नहीं होती उनकी गाथा। जय जय हो सैनिक वीर, तुम ही हो...
कब तक लकीर के फकीर होते रहोगे दकियानूसी परंपराओं को ढोते रहोगे ! कब तक लकीर के फकीर होते रहोगे दकियानूसी परंपराओं को ढोते रहोगे !
प्राचीर का है इतिहास पुराना किसी ने मंदिर किसी ने ताज बनाया! प्राचीर का है इतिहास पुराना किसी ने मंदिर किसी ने ताज बनाया!
अत्यंत खास हुआ करती है अपनेपन की तासीर। अत्यंत खास हुआ करती है अपनेपन की तासीर।
करें शुद्ध वाणी और अंतःकरण, हरदम करते रहें प्रभु को स्मरण। करें शुद्ध वाणी और अंतःकरण, हरदम करते रहें प्रभु को स्मरण।